कोशिश
कोई भी अंतिम नहीं होती
बस दोहराने की हिम्मत नहीं होती
ये तो कमजोरियां हैं इंसानों की
जो डरा देते हैं हमे अँधेरे भी
आसमानो में उड़ते हुए परिंदों की
धड़कन कभी बंद नहीं होती.
लेखक - पुनीत शर्मा।
बस दोहराने की हिम्मत नहीं होती
ये तो कमजोरियां हैं इंसानों की
जो डरा देते हैं हमे अँधेरे भी
आसमानो में उड़ते हुए परिंदों की
धड़कन कभी बंद नहीं होती.
लेखक - पुनीत शर्मा।
No comments:
Post a Comment