Saturday, April 18, 2020

Ek Sawaal एक सवाल


पूछ रही है आज फकीरी
एक सवाल अपने रब से,
पड़ा हुआ है अकाल घरमें
किस्मत का जाने कब से
सूरत, बांद्रा, दिल्ली में थे
रुके हम भूखे जाने कब से
कोटा के होनहार थे सारे
हमारे थे खोटा सिक्का
सिक्कों की खनक के आगे
मजदूरों की किस्मत न जागे
कहीं कुछ होनहार फंसे है
भूख की दलदल में धंसे हैं
शासन देखो भाग रहा है
ये पता चला है जब से।
पूछ रही है आज फकीरी
एक सवाल अपने रब से।।
........... पुनीत शर्मा,

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